नमस्ते आदरणीय मुख्याध्यापक महोदय, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों!
Shiksha Ka Mahatva Hindi Bhashan : आज मैं आप सभी के सामने एक ऐसे विषय पर बोलने जा रही हूँ जो हमारे जीवन का आधारस्तंभ है। यह विषय है ‘शिक्षा का महत्व’। शिक्षा केवल स्कूल जाना या किताबें पढ़ना नहीं है, बल्कि यह वह अनमोल उपहार है जो हमारे मन को प्रज्वलित करता है, विचारों को दिशा देता है और जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है। जब मैं छोटी थी, तब मेरे गाँव में एक बुजुर्ग किसान काका कहते थे, ‘बेटी, पढ़ाई से तुम सिर्फ नौकरी ही नहीं पाओगी, बल्कि तुम खुद को और समाज को एक नई दिशा दोगी।’ उनके ये शब्द मुझे हमेशा प्रेरणा देते हैं। और आज मैं आपसे कहती हूँ, शिक्षा वह धन है जो कभी खत्म नहीं होता, बल्कि बढ़ता जाता है।
आइए, शिक्षा का महत्व समझते हैं। सबसे पहले, शिक्षा हमारे व्यक्तिगत विकास के लिए कितनी आवश्यक है, यह देखें। जब हम छोटे होते हैं, तो माता-पिता हमें दुनिया से परिचित कराते हैं। लेकिन असली पहचान, असली शक्ति स्कूल और शिक्षकों से मिलती है। शिक्षा हमें पढ़ना, लिखना और सोचने की क्षमता देती है। इससे हम आत्मनिर्भर बनते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए एक गाँव में जन्मा लड़का, जिसके पिता किसान हैं। अगर उसने शिक्षा प्राप्त की, तो वह केवल किसान ही नहीं रहेगा, बल्कि नई तकनीकों का उपयोग करके खेती को आधुनिक बना सकता है। मैं अपने अनुभव से कहती हूँ, जब मैं पहली बार स्कूल गई, तो मुझे अक्षर पहचानना भी मुश्किल लगता था। लेकिन शिक्षकों के मार्गदर्शन और मेहनत से आज मैं यहाँ खड़ी हूँ, आपसे बात कर रही हूँ। शिक्षा ने मुझमें आत्मविश्वास पैदा किया है। यह हमारे व्यक्तित्व को निखारता है, हमें निर्णय लेने की क्षमता देता है और जीवन के चुनौतियों का सामना करने की ताकत देता है। आज के प्रतिस्पर्धी युग में, जहाँ हर क्षेत्र में लाखों लोग हैं, वहाँ शिक्षा के बिना हम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। यह हमें नौकरी, व्यवसाय या खुद का उद्यम शुरू करने के लिए तैयार करता है। इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि यह हमारे जीवन को दिशा देती है।
अब, शिक्षा का सामाजिक महत्व देखें। समाज व्यक्तियों का समूह है, और शिक्षित व्यक्तियों वाला समाज ही सच्चा विकसित समाज होता है। शिक्षा हमें अंधविश्वास, भेदभाव और सामाजिक समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, जब महिलाओं को शिक्षा मिलती है, तो वे केवल घर नहीं संभालतीं, बल्कि समाज में भी सक्रिय भूमिका निभाती हैं। मैं एक बार एक ग्रामीण क्षेत्र में गई थी, जहाँ लड़कियों की शिक्षा को नजरअंदाज किया जाता था। लेकिन एक शिक्षिका के प्रयासों से वहाँ लड़कियाँ स्कूल आने लगीं। आज वे लड़कियाँ डॉक्टर, शिक्षिका बन चुकी हैं। शिक्षा समाज में असमानता को कम करती है। यह हमें एक-दूसरे के प्रति सम्मान सिखाती है, सहयोग की भावना पैदा करती है और एक सुसंस्कृत समाज का निर्माण करती है। आज हमारे देश में कई सरकारी योजनाएँ चल रही हैं, जैसे ‘सर्व शिक्षा अभियान’ या ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’। इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का प्रसार हो रहा है। लेकिन फिर भी, हमें और प्रयास करने होंगे। शिक्षा से समाज में अपराध कम होते हैं, स्वास्थ्य बेहतर होता है और आर्थिक विकास होता है। एक शिक्षित समाज ही सच्चा मजबूत समाज होता है, क्योंकि वह समस्याओं को पहचानता है और उनका समाधान करता है।
राष्ट्र के दृष्टिकोण से शिक्षा का महत्व तो बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हमारा देश आज आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब हमारे पास शिक्षित नागरिक हों। शिक्षा हमें विज्ञान, तकनीक और अर्थव्यवस्था में प्रगति करने में सक्षम बनाती है। इतिहास में देखें, स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे महान व्यक्तियों ने शिक्षा के बल पर देश को दिशा दी। आज भी, आईटी क्षेत्र, अंतरिक्ष अनुसंधान में हमारे देश की पहचान विश्वभर में है, और इसके पीछे शिक्षित युवाओं की मेहनत है। शिक्षा देश को मजबूत बनाती है, यह गरीबी, बेरोजगारी और अज्ञानता की जंजीरों को तोड़ती है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकने के लिए हमारे युवाओं को आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता है। इसलिए, सरकार को शिक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। हम सभी को भी इस अभियान में शामिल होना चाहिए, ताकि हमारा देश सही मायने में विकसित हो।
Atmanirbhar Bharat Speech in Hindi: आत्मनिर्भर भारत स्वावलंबन की नई दिशा प्रेरणादायी हिंदी मे भाषण
मित्रों, शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है। आज डिजिटल युग में ऑनलाइन शिक्षा, वीडियो लेक्चर के कारण शिक्षा हर किसी की पहुँच में है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम पारंपरिक मूल्यों को भूल जाएँ। शिक्षाने हमें नैतिकता, जिम्मेदारी और देशभक्ति सिखानी चाहिए। मैं आप सभी से आह्वान करती हूँ कि प्रत्येक व्यक्ति शिक्षा को महत्व दे। माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजें, विद्यार्थी मेहनत करें और शिक्षक मार्गदर्शन करें। जब हम सभी एक साथ आएँगे, तभी शिक्षा का सही स्वरूप दिखेगा।
अंत में, मैं कहना चाहती हूँ कि शिक्षा वह प्रकाश है जो हमारे रास्ते के अंधेरे को दूर करता है। यह हमें सफलता, समृद्धि और सुख देता है। आइए, हम सभी शिक्षा की इस यात्रा में शामिल हों और एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें। धन्यवाद!
जय हिंद, जय भारत!