Digital India ki Bhumika Hindi Bhashan : नमस्ते दोस्तों, आदरणीय अतिथिगण और सभी उपस्थित लोग! आज मैं आपके सामने एक ऐसे विषय पर बोलने आया हूँ, जो हमारे रोजमर्रा के जीवन में समा गया है, फिर भी हम इसके गहरे प्रभाव को पूरी तरह समझ नहीं पाते। जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ डिजिटल इंडिया की भूमिका की। यह सिर्फ़ एक योजना नहीं, बल्कि एक क्रांति है, जो भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदल रही है। कल्पना कीजिए, जब एक छोटे गाँव का किसान अपने मोबाइल पर बैठकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेता है, या एक छात्र घर बैठे विश्व भर का ज्ञान हासिल करता है। यही डिजिटल इंडिया का जादू है!
चलिए, सबसे पहले समझते हैं कि डिजिटल इंडिया है क्या। 2015 में भारत सरकार ने शुरू की गई यह प्रमुख योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य है सरकारी सेवाओं को डिजिटल माध्यम से हर नागरिक तक पहुँचाना। इससे न केवल सेवाएँ आसान होती हैं, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था डिजिटल होकर रोजगार के अवसर भी बढ़ाती है। मैंने एक बार एक ग्रामीण क्षेत्र में एक बुजुर्ग से बात की, उन्होंने कहा, “पहले पेंशन के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता था, अब उंगलियों के इशारे पर मिल जाती है!” यह छोटी सी बात ही डिजिटल इंडिया की ताकत दिखाती है।
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अब सवाल है, डिजिटल इंडिया की भूमिका क्या है? यह तीन मुख्य स्तंभों पर टिकी है। पहला, ब्रॉडबैंड हाईवे – यानी पूरे देश में हाई-स्पीड इंटरनेट का जाल बिछाना। दूसरा, मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए सार्वभौमिक पहुँच – ताकि हर हाथ में डिजिटल साधन हो। और तीसरा, ई-गवर्नेंस और डिजिटल साक्षरता – जिससे नागरिक डिजिटल दुनिया में आसानी से शामिल हो सकें। इन आधारों ने भारत को डेटा-गरीब देश से डेटा-समृद्ध देश की ओर ले जाया है। सोचिए, 2024 तक लाखों लोग डिजिटल साक्षर हुए, और 2025 में भी यह जारी है। इसका नतीजा यह हुआ कि ऑनलाइन बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट और ई-लर्निंग जैसी चीजें अब आम हो गई हैं।
दोस्तों, डिजिटल इंडिया की भूमिका सिर्फ़ तकनीक देने तक सीमित नहीं है। यह सामाजिक समावेश के लिए है। उदाहरण के लिए, आधार कार्ड से जुड़ी सेवाओं ने ग्रामीण लोगों को सीधा लाभ पहुँचाया है। मैंने एक बार एक कार्यशाला में भाग लिया, जहाँ महिलाओं को डिजिटल बैंकिंग सिखाई जा रही थी। एक महिला की आँखों में खुशी थी, जब उसने पहली बार UPI से पैसे भेजे। यही है डिजिटल इंडिया की असली भूमिका – हर किसी को सशक्त करना, खासकर महिलाओं और दूरदराज के लोगों को। और यह मैं नहीं कह रहा, सरकारी रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिजिटल इंडिया ने लाखों रोजगार पैदा किए हैं, जिसमें IT सेक्टर से लेकर स्टार्टअप्स तक शामिल हैं।
लेकिन, दोस्तों, डिजिटल इंडिया की भूमिका आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण है। यह डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है। आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जहाँ डिजिटल पेमेंट्स के लेन-देन अरबों में हैं। नोटबंदी के बाद UPI जैसे प्लेटफॉर्म्स ने क्रांति ला दी, और इसमें डिजिटल इंडिया का बड़ा योगदान है। मैंने एक बार एक व्यवसायी से बात की, उन्होंने कहा, “पहले बिजनेस बढ़ाने के लिए बैंक जाना पड़ता था, अब ऐप से लोन मिल जाता है!” यह सब डिजिटल इंडिया के ई-गवर्नेंस की वजह से संभव हुआ।
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शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी इसकी भूमिका अविस्मरणीय है। महामारी के दौरान ऑनलाइन क्लासरूम्स और टेलिमेडिसिन ने लाखों लोगों की मदद की। डिजिटल इंडिया ने डिजिटल लाइब्रेरी और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स विकसित किए, जिससे ग्रामीण छात्रों को शहरी स्तर की शिक्षा मिल रही है। मैंने खुद एक ऑनलाइन कोर्स में हिस्सा लिया था, और वह इतना आसान था कि ऐसा लगा जैसे किसी पुराने दोस्त से बात कर रहा हूँ। यही है डिजिटल इंडिया की ताकत – ज्ञान को सीमाहीन बनाना।
हालाँकि, दोस्तों, यह क्रांति पूरी होने के लिए हम सबकी भूमिका ज़रूरी है। डिजिटल साक्षरता बढ़ाना, साइबर सुरक्षा का ध्यान रखना – यह हम सभी को करना होगा। सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन नागरिकों के सहयोग के बिना यह अधूरा रहेगा। तो चलिए, आज से ही डिजिटल इंडिया के भागीदार बनें!
अंत में, मैं कहूँगा, डिजिटल इंडिया सिर्फ़ एक योजना नहीं, बल्कि एक सपना है जो हकीकत बन रहा है। यह हमें जोड़ता है, सशक्त करता है और भविष्य को उज्ज्वल करता है। आप भी इस क्रांति का हिस्सा बनें।
धन्यवाद! जय हिंद!