माननीय प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे छोटे-बड़े मित्रों,
Children’s Day Speech in Hindi: आज का दिन हम सभी के लिए बहुत खुशी का और महत्वपूर्ण है। 14 नवंबर का दिन हम बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन सिर्फ खेलने या मौज-मस्ती करने का नहीं है, बल्कि उन छोटी-छोटी चीजों को महत्व देने और बच्चों को प्रोत्साहित करने का है। मैं आज यहाँ खड़ा होकर अपने मन की भावनाएँ व्यक्त कर रहा हूँ, क्योंकि बच्चे ही हमारे देश का भविष्य हैं और अगर उन्हें सही मार्गदर्शन मिले, तो वे दुनिया जीत सकते हैं।
हमें पता है कि यह दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। उन्हें ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था। वे हमेशा कहते थे कि बच्चे फूलों की तरह होते हैं और उन्हें प्यार से पालना चाहिए। जब उनके जन्मदिन को मनाने की बात आई, तो उन्होंने कहा, ‘मेरा जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाओ।’ यह उनका सम्मान है और आज हम वही कर रहे हैं। उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि बच्चों को सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, कल्पनाशक्ति और प्यार देकर बड़ा करना चाहिए।
Samvidhan din bhashan in marathi: संविधान दिवस निमित्ताने प्रेरणादायी भाषण
मेरे मन में एक छोटी-सी कहानी आती है। एक बार एक छोटे से गाँव में एक बच्चा था, जो बहुत गरीब परिवार से था। उसके पास खेलने के लिए साधारण खिलौने भी नहीं थे और पढ़ाई में भी उसकी रुचि नहीं थी, क्योंकि घर की परिस्थितियों ने उसे निराश कर दिया था। लेकिन एक दिन स्कूल के शिक्षक ने उसे अलग बुलाया और कहा, ‘बेटा, शिक्षा तुम्हारे जीवन के पंख हैं, जो तुम्हें उड़ने में मदद करेंगे। ये तुम्हें कभी नहीं छोड़ेंगे।’ उस बच्चे ने शिक्षक की बात पर भरोसा किया और छोटे-छोटे प्रयासों के साथ मेहनत की। आज वह एक सफल वैज्ञानिक है। यह कहानी मुझे हमेशा प्रेरित करती है। हमारे बच्चे भी ऐसे ही हैं – उन्हें थोड़ा सा प्रोत्साहन मिले, तो वे आसमान छू लेते हैं, भले ही शुरू में उनके पास कुछ न हो।
बच्चे उस पेड़ की तरह होते हैं, जिन्हें छोटे में ही सही पानी और खाद देकर पालना चाहिए, ताकि वे बड़े होकर फल दें। माता-पिता और शिक्षक उन्हें जीवन देते हैं, न कि सिर्फ जन्म। वे बच्चों को सिर्फ विज्ञान या गणित नहीं सिखाते, बल्कि सत्य, ईमानदारी, साहस और करुणा सिखाते हैं। प्राचीन काल से ही हमारी संस्कृति में बच्चों का स्थान बहुत महत्वपूर्ण रहा है। कहा जाता है, ‘बच्चे भगवान का रूप हैं।’ यानी बच्चे ही हमारी सच्ची संपत्ति हैं।
Teachers Day Bhashan in Marathi: शिक्षक दिवस निमित्ताने प्रेरणादायी भाषण
आज के इस युग में, जहाँ तकनीक ने सब कुछ आसान कर दिया है, फिर भी बच्चों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन की जरूरत है। वे इंटरनेट पर न मिलने वाला प्यार और समझदारी ढूँढते हैं। मैं अपने शिक्षकों और माता-पिता से कहना चाहता हूँ कि आप हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। आपकी मेहनत की वजह से हम आज यहाँ हैं और कल देश के लिए योगदान दे सकते हैं।
अंत में, मैं बस इतना कहना चाहूँगा कि बाल दिवस सिर्फ एक दिन नहीं है, बल्कि हमें हर दिन बच्चों का सम्मान करना चाहिए। आइए, उन्हें धन्यवाद दें और उनके सपनों को समर्थन दें। जय हिंद, जय भारत!
धन्यवाद!